Hum sevak hai manavta ke lyrics - Rss geet

Hum sewak hain manawta ke sewa dharm hamara hain, din dukhi ki sewa karna nishchit karm hamara hain. Rss geet taken from Sewa Pustika.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ
सेवा विभाग - दिल्ली प्रान्त
सेवा पुस्तिका
गीत - हम सेवक है मानवता के, सेवा धर्म हमारा है।

गीत प्रारंभ

हम सेवक है मानवता के, सेवा धर्म हमारा है।
दीन दुखी की सेवा करना, निश्चित कर्म हमारा है ।।ध्रुव।।

जिसने सेवा धर्म निभाया, नर में नारायण देखा,
वही महामानव देखेगा, हर मानव में प्रभु रेखा,
एक ब्रह्मा है पिता सभी का, निर्मित यह जग सारा है।।1।।
दीन दुखी की सेवा ................................................

सभी सुखी हों सभी निरोगी, सब को सुविधाएं एक मिले,
नीति नियम से बंधे सभी हो, पर स्वतंत्र प्रत्येक मिले,
अनिल-अनल भू-नल जल सब पर, सूची अधिकार हमारा है ।।2।।
दीन दुखी की सेवा ................................................

सबको मिले जीविका जग, में भूखा सोए जीव नहीं,
सभी करें श्रम साहस संयम, अपनाए तरकीब यही,
सब समान हो सब महान हो, यह हमने स्वीकारा है ।।3।।
दीन दुखी की सेवा ................................................

शिक्षा की सुविधा हो सबको, सभी एक हो भेद न हो,
अपना-अपना कर्म करें सब, पछतावा या खेद न हो,
स्वस्थ सुखी सानंद रहें सब, यह अभियान हमारा है ।।4।।
दीन दुखी की सेवा ................................................

अबला बाल वृध्द रोगी को, मिले सहारा हम सबका,
निर्बल निरीह और निर्धन को, हो न कहीं कोई खटका,
जो सेवा को धर्म मानता, वह ईश्वर का प्यारा है ।।5।।
दीन दुखी की सेवा ................................................

समाप्त

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